हाथ – पैर है तो ख़ुशक़िस्मत वाले हैं आप लाचार हैं वो जिनके अंग नहीं देते उनका साथ

किसी भी व्यक्ति के लिए उनका मानव अंग ही सबसे बड़ा सहारा होता है। अगर शरीर का कोई एक अंग भी काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति लाचार और असहाय हो जाता है। जिनके पास साधन है वो तो इसका उपचार करा लेते हैं और वापस सामान्य जीवन का वहन करने लगते हैं। लेकिन गरीब तबके के लोग आर्थिक समस्या की वजह से ताउम्र लाचार बनकर जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। कई लोग आज भी लकवे जैसी छोटी बिमारी का इलाज करवाने में असमर्थ हैं। जन सहयोग से हम उनके इस लाचारीपन को दूर कर सकते हैं। इस नेक कार्य में अपना सहयोग करें, इन्हें एक नया जीवन दें।

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